भारतीय राजनीति (Indian Politics) में किसानों की आत्महत्या (Farmer Suicide) का मुद्दा लंबे समय से सुर्खियों में रहा है. भारत में विदर्भ (Vidarbha) और बुंदेलखंड (Bundelkhand) इलाकों में किसान आत्महत्या के मामले हर कुछ समय अंतराल के बाद आते रहते हैं. अनिश्चित मॉनसून की वजह से भारतीय किसानों की फसल बर्बाद होती है और फिर लोन उनकी आत्महत्या का कारण बनता है. सरकारें यह कहती रही हैं वो किसानों की मुश्किलें कम करने की दिशा में काम कर रही हैं लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है. लेकिन ऐसा नहीं किसानों की समस्याएं और आत्महत्या भारत तक ही सीमित हो. अमेरिका जैसे वैश्विक महाशक्ति देश में भी किसानों की आत्महत्या एक प्रमुख मुद्दा है. हालांकि यह मुद्दा कभी वैश्विक परिप्रेक्ष्य में उभर कर सामने नहीं आया.
अमेरिका में किसानी का संकट
फोर्ब्स मैगजीन में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक इस समय अमेरिका में किसान बड़ी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. बीते सालों भीषण बारिश, तूफानों की वजह से किसानों की फसल कई बार खराब हुई हैं. साथ चीन द्वारा अमेरिकी फसलों का आयात बंद किए जाने के बाद ये मुश्किलें और भी पेचीदा हो गई हैं. अमेरिका में मक्का और सोयाबीन की खेती बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है. अमेरिका में एक फार्मर फेडरेशन के प्रमुख जिप्पी डुवाल ने चीन द्वारा प्रतिबंध लगाने पर प्रतिक्रिया दी थी कि इससे अमेरिकी किसानों के सामने जीवन-मरण का संकट आ जाएगा.
अमेरिका का 'बुंदेलखंड' है ये राज्य, किसान लगातार कर रहे हैं आत्महत्या
• Pushpendra Kumar Sharma